जोतराम के मंदिर जैसा भवन नही कही पाने का,
हुक्के की दो घुट मारके बुझा पाडे चाडे का,
नाथ निरंजन संकर भोला बैठे धुना लगाके ने,
सिद्ध भभूता संग में रहते पूरा प्रण पुगाके ने,
सारे संकट कटते देखो जादू इसके झाडे का,
हुक्के की दो……
दीन दुखी के संकट काटे,
कलयुग में अवतार बना,
धन धन है कश्तुरी माँ,
जिसने ऐसा लाल जना,
संकट मोचन नाम निराला,
और नहीं कहिं पाने का,
हुक्के की दो घुट……
दिनेश यादव मेरे बाबा का,
बन रहा खास नगीना से,
जोतराम की सेवा में,
बहाया खूब पसीना से,
सत्यवान कहे मुकेश शर्मा के,
खटका तेरे गाने का,
हुक्के की दो…..
भजन – हुक्के की दो घुट मारके बुझा पाडे चाडे का
गायक – मुकेश शर्मा
श्रेंणी – जोतराम भजन
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