भनिन गाम का जाट,
संकट काटे भगता के,
नाथ निरंजन सिद्ध भभूता,
सबते निराली देते बुझा,
लगावे भगता के घर ठाठ,
संकट की ना पार बसावे,
जब मेरा बाबा ज्योत पे आवे,
यो तोड़े गैर के हाड,
यो संकट काटे भगता के,
झाडा काटे सकल बीमारी,
मेरे जोतराम की बात निराली,
यो देता सारे साटे साट,
दिनेश यादव बात निराली,
आजाद भगत ने माला थाली,
करता सुबह शाम के पाठ,
भजन – भनिन गाम का जाट संकट काटे भगता के
गायक – मुकेश शर्मा
श्रेंणी –जोतराम भजन
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