भनिन गाम में बैठा बाबा झंडा गाड के,
पकडे से संकट ने मेरा बाबा दहाड़ के,
जगे दो दो ज्योत निराली,
दर पे जो जावे सवाली,
उसकी सारी विपदा टाली,
दुःख संकट ने छोड़े से,
मेरा बाबा पछाड़ के,
मिले धुनें की भभूती,
भूता के मार कसुती,
मारे झाड झाड़ के जुती,
भुत पड़े पड़े रोवे गैर दिए हाड तोड़ के,
मंदिर की सोभा न्यारी,
बैठे भोले भंडारी और नाथ निरंजन तपधारी,
और सिद्ध भभूता की तांती ने बाँध लो नाड के,
योगेश भगत तन्ने चाहता,
आज़ाद भगत गुण गाता,
खडा खूब साथ में पाता,
मुकेश शर्मा कोन्या पावे धोरा राड के,
भजन – भनिन गाम में बैठा बाबा झंडा गाड के
गायक – मुकेश शर्मा
श्रेंणी –जोतराम भजन
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